शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

‘अंग्रेजी ग्लोबल है’ (लघुकथा)


अंग्रेजी ग्लोबल है

वह दुनिया के सबसे ताकतवर देश का प्रमुख था। इतनी जाँच के बाद तो चला था वो, फिर विमान दुर्घटना कैसे हो गयी? सारी अक़ल गुम हो गई। किसी निर्जन इलाके में दस घंटे तक बेहोश पड़ा रहा। यानचालक की लाश बगल में पड़ी है। वह भी बिना पेट के! कोनहीं बचा। आखिर हवाई जहाज पाँच फुट से गिरा नहीं था, हजारों फुट की बात थी! होश आई तब कुछ देर तक कराहने के बाद उसका ध्यान उस स्थान के चारों ओर गया। यह कौन-सी जगह है? वह तो विश्व स्तरीय सम्मेलन में भाग लेने जा रहा था। आखिर विमान दुर्घटना हुई कैसे? एक... दो... तीन... चार... पाँच मिनट तक वह सोचता रहा। अच्छा, छोड़ो, अब हो गई तो हो गई। फिलहाल प्यास जोरों की लगी है! आस-पास कोई आदमी, कोई घर, कुछ भी नहीं दिखा। ये ग्यारहवाँ घंटा चालू है... प्यास बढ रही है। वह उठता है। यह भी एक संयोग ही है कि उसके शरीर पर खरोंच तक नहीं आई है। हाँ, कोट-टाई इस्तरी किए हुए थे, वे बुरी तरह मुड़-तुड़ गये हैं। ... उठकर वह पूरब की तरफ चलना शुरू करता है। प्यास बढती जा रही है। ... एक... दो... तीन... साढ़े तीन घंटे तक हाँफते-दौड़ते-भागते चलता गया। बहुत थक गया है वह। आखिर एक जगह ठस से बैठ गया। प्यास जानलेवा होती जा रही है। उसे याद आने लगता है, पिछले विश्व स्तरीय सम्मेलन में उसने जल संरक्षण पर भाषण दिया था, कहा था, जल ही जीवन है। आज वह समझ पा रहा है, जल ही जीवन है। अब शाम होने जा रही है। खेलने के लिए 5-7 बच्चों का झुंड इधर बढ़ता जा रहा है। फिर किशोरों की बारी आती है, 10-12 किशोर भी इधर आ रहे हैं। पलभर की झपकी में वह सपना देखता है, किशोर उसकी ओर बढ़ रहे हैं, उनके हाथों में बाँस का धनुष था, वह अब अंग्रेजी की किताब में बदलता जाता है, वह खुश हो जाता है क्योंकि उसे बताया गया है कि दुनिया में सबको अंग्रेजी सिखाने के लिए सारे हथियार इस्तेमाल किये गये हैं। सब लोग अंग्रेजी जानते हैं। करोड़ों-अरबों डालर के खर्चे का लाभ उसे दिख रहा है, किशोर अंग्रेजी के शब्दकोश लिये हुए उसकी ओर बढ रहे हैं। वह आज ही तो अंग्रेजी को आधिकारिक तौर पर ग्लोबल घोषित करने जा रहा था... कि विमान दुर्घटना हो गई। (क्योंकि उसकी ही घोषणा से आदमी आदमी है, वरना वह कुछ नहीं।) ... तभी एक किशोर का बाण उसके बगल में आकर गिरता है। किशोर बाण लेने के लिए दौड़ता है। ज्योंही उसके निकट आता है, अधूरी नींद टूट जाती है। वह तुरंत किशोर का हाथ पकड़ लेता है, उसके मुँह से एक शब्द निकलता है- वॉ ट र। किशोर काला है, वह गोरा है... लेकिन इस वक्त बस वॉ ट र। किशोर नहीं समझता। वह चेहरे पर नहीं समझने के भाव लिए, थोड़ा सशंकित खड़ा है। तीसरी बार वॉ ट र, वॉ ट र, वॉ ट र... वह बोलता जा रहा है, उसकी आवाज़ धीमी होती जा रही है, वॉ... ट... र, वॉ... ट... र, वॉ... ट... र। चुप... मौन... किशोर का हाथ उसके हाथ से छूट जाता है। किशोर दौड़ता है... वापस किशोर आता है, 3-4 प्रौढों के साथ। प्रौढ भी वॉ ट र का मतलब नहीं समझते, किशोर उन्हे बता चुका है कि बेहोश आदमी वॉ ट र, वॉ ट र... जैसा कुछ बोलता जा रहा था। आदमी इतनी जल्दी नहीं मरता। फिर होश में आते ही वॉ ट र... । कोई नहीं समझ सका, भला ये वॉ ट र... क्या कह रहा है यह आदमी? शाम ढलनेवाली है। इसे उठाकर सब ले चलते हैं। इसी बीच टाई फट जाती है। ... वॉ ट र, टे ...क, ड्रिं... क... , नी... ड... , ग्ला... स... , ब्रिं... ग... ... ... जाने क्या-क्या बोलता जाता है यह आदमी। कुछ भी समझ नहीं सका कोई। बस्ती में पहुँचने पर गिलास दिखाई पड़ता है, वह दौड़ता है... गिलास खाली है... किशोर समझ जाता है, उसे पानी चाहिए... वह तुरंत पानी लाकर देता है। पानी पीते ही उस आदमी की अकल वापस आ जाती है, उसे समझ आ चुका है, यहाँ कोई अंग्रेजी नहीं समझता। ... जैसे भी हो, यहाँ से वह भागना चाहता है! उसके मुँह से निकलता है, इंग्लिश इज़ नॉट ग्लोबल, थर्स्ट इज़ ग्लोबल, हंगर इज़ ग्लोबल, इमोशन्स आर ग्लोबल, इंग्लिश इज़ नॉट ग्लोबल(अंग्रेजी ग्लोबल नहीं है, प्यास ग्लोबल है, भूख ग्लोबल है, आदमी की भावनाएँ ग्लोबल हैं, अंग्रेजी ग्लोबल नहीं है)।

... ... वह सपना देख रहा है। विश्व सम्मेलन शुरू है। बड़े-बड़े अक्षरों में आज अंग्रेजी को आधिकारिक तौर पर ग्लोबल घोषित करने की बात लिखी है। वह भाषण देता है और पहला वाक्य कहता है, अंग्रेजी ग्लोबल नहीं है, इंग्लिश इज़ नॉट ग्लोबल... ... सिर्फ दो घूँट पानी ने हमें सिखा दिया कि कोई भाषा ग्लोबल नहीं, संकेत ग्लोबल हो सकते हैं, मानवता ग्लोबल हो सकती है, अंग्रेजी की बदौलत जब दो घूँट पानी नहीं मिल सकता तब इसे क्या कहें ?  इंग्लिश इज़ नॉट ग्लोबल... ... 

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