शुक्रवार, 24 जून 2011

यह देखिए ब्लागर की भूल

ब्लागर कम से कम पिछले छ: सालों से हिन्दी में है, ठीक से मुझे नहीं पता। लेकिन हिन्दी में एक भूल यह हमेशा से करता आया है वह नीचे चित्र में देखिए।




अनुसरणकर्ताओं यानि फालोवर्स के नीचे साइन इन करने का लिंक है। उसके पहले लिखा हुआ है-'पहसे ही से सदस्य हैं?' जबकि होना चाहिए- 'पहले ही से सदस्य हैं?' वैसे ज्यादा अच्छा तो तब होता जब लिखा जाता कि 'पहले से ही सदस्य हैं?'

अब इसपर मेरा ध्यान चला गया तो यह मत कहिएगा कि बेकार है। है तो ब्लागर की भूल। मैंने रवि रतलामी जी को इस ओर ध्यान दिला दिया है।

कहिए पकड़ ली कि नहीं  मैंने यह भूल?

3 टिप्‍पणियां:

  1. हाँ, पकड़ ली आपने भूल |
    बधाई--
    --------------और हर प्राणी एक आवश्यकता है |

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  2. चन्दन जी, आपकी दृष्टि को क्या कहा जाये ?
    º गिद्ध दृष्टि
    º खोजी नज़र
    º सम्पादकीय अवलोकन
    सभी को एक घरेलू अनुभव भी होगा :
    जब कक्ष में कोई छोटी वस्तु खो जाया करती है तब अबोध बाल दृष्टि उसे सहजता से खोज लेती है... कान और नाक के सूक्ष्म स्वर्णिम आभूषण बाल-दृष्टि से नहीं छिप पाते.
    जिसकी दृष्टि ज़मीन से जितनी अधिक समीप होगी उसे उतनी ही अधिक सुविधा होगी.
    .
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    .
    आपकी दृष्टि की सराहना करने का मुझे सीधा तरीका जँच नहीं रहा था इसलिये आपको 'बाल-दृष्टि' कह रहा हूँ.

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