शुक्रवार, 17 जून 2011

मजेदार पत्र-व्यवहार एक ज्योतिषी से


एक दिन पहले एक ज्योतिषी की जाँच करने की इच्छा हुई। मैंने अपना नाम, जन्म तिथि और जन्म स्थान लिखकर भेज दिया। जवाब आया। मैंने फिर अपना जवाब भेज दिया। उन्हीं संदेशों को यहाँ रख रहा हूँ कि मेरी समझ में थोड़ा मजा आएगा ही।
      मैं उन ज्योतिषी महोदय का नाम यहाँ नहीं दे रहा हूँ क्योंकि वे भी चिट्ठेकार(ब्लागर) हैं। वैसे उनको वत्स शब्द से संबोधित करने की इच्छा हो रही थी।
     
तो पहले मेरा लिखा पढ़िए जो मैंने उनको भेजा।
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आदरणीय महोदय,

मैं ज्योतिष पर यकीन नहीं करता और इसी उद्देश्य के साथ आपको मेल कर रहा हूँ। मैं जानना चाहता हूँ कि ज्योतिष कितना सच बता सकता है?
इसलिए अपने बारे में कुछ जानकारी दे रहा हूँ बाकी आप ज्योतिष से बताएंगे। ताकि मैं देख सकूँ कि क्या है और कैसा है ज्योतिष?

नाम - चंदन कुमार मिश्र
जन्म- ****
राज्य-***
जिला-***


अब आप बताइए मेरे बारे में जितना ज्योतिष कह सकता है, यह मेरा निवेदन है।

जवाब के इनतजार में,

चंदन
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अब उनका जवाब अगले दिन ही आया। वह पढ़िए।
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महोदय,
आप गाय को बिना चारा डाले ही दुहना चाहते हैं तो भला क्या ये संभव है? जब उसके पेट में कुछ जाएगा, तभी तो आप उसके द्वारा दिए गए अमृततुल्य स्वादिष्ट दुग्ध का आनन्द ले सकते हैं आप प्रति जन्मपत्रिका रूपए 1100/- क्रेडिट कार्ड/ नकद अथवा बैंक ट्रांसफर के माध्यम से Paypal के जरिए भुगतान कर दीजिए( Paypal का विजेट हमारे वैबब्लाग के दाहिनी ओर लगा है, जिस पर क्लिक कर आप शुल्क का भुगतान कर सकते हैं). तत्पश्चात आप ज्योतिष एवं ज्योतिषी की परीक्षा लेने के साथ साथ अपने भविष्य का सम्पूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं. इससे जहाँ आपको अपनी जिज्ञासाओं/ शंकाओं का उन्मूलन होने की प्रसन्नता प्राप्त होगी, वहीं हम भी अपने श्रम का मूल्य पा सकेंगें.
बन्धु, जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिए सदैव कुछ त्याग अवश्य करना पडता है. यही प्रकृति का नियम है. जिसमें हम और आप सभी बंधे हैं.
प्रणाम
<उनका नाम था>
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अब मैंने अपनी समझ से मजेदार जवाब उनको भेजा। वह पढ़िए।
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पहली बार सुन रहा हूँ कि परीक्षा देनेवाला लेनेवाले से पैसे मांग रहा है। परीक्षा का नियम तो ये है कि देनेवाला शुल्क दे लेकिन आप इस नियम के खिलाफ़ जा रहे हैं।
घबड़ाइये नहीं। वैसे मैं दूध भी नहीं पीता। अब बात आपके ज्ञान की तो पता चलता है कि खेतों में बहुत पसीना बहाना पड़ता है। पहली बात कि मैं पैसा दे नहीं सकता। और देने में समर्थ होता तब भी नहीं देता। जाँच करने के लिए सुना है टेस्ट ड्राइव की सुविधा मिलती है कार खरीदने वाले को। 1100 रूपये का काम मैं न तो अम्बानी का मानता हूँ न सचिन का न अभिनेताओं का। यह पैसा सिर्फ़ मजदूरों और मेहनतियों के लिए जायज है। मैं आपका उपभोक्ता नहीं हूँ। आप निश्चित रुप से मुझसे रुष्ट होंगे और मन ही मन गाली देंगे। मार्गदर्शन करने की इच्छा भी है। वाह! संसार के किसी सच्चे मार्गदर्शक ने कभी किसी से कुछ लिया नहीं आजतक।

अब बात प्रकृति की। सूर्य प्राकृतिक है। वह तो जीवन देता है, ऊर्जा देता है बिना कुछ लिए। प्रकृति का नियम मानव बनाता हो तभी लेन-देन की बात आती है। चलिए अच्छा मनोरंजन हुआ। लेकिन भविष्य में कभी पैसे हों तो बाजी जरूर लगाऊंगा।
अभी आप गुस्से में होंगे। इसलिए इतना ही।
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1 टिप्पणी:

  1. रोचक ही कह सकता हूं. मेरी आस्‍था डॉ. कोवूर में है, जो कहा करते थे कि कुंडली देखकर दो ही बातें नहीं बताई जा सकती एक, जातक स्‍त्री है या पुरुष और दूसरी वह जीवित है या मृत.

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