tag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post4258921115096789522..comments2023-12-24T13:18:47.467+05:30Comments on भारत के भावी प्रधानमंत्री की जबानी: बुर्जुआ भाषा वालीं हिन्दी फ़िल्मेंचंदन कुमार मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-7513719730867598592012-08-15T07:59:22.762+05:302012-08-15T07:59:22.762+05:30आजकल की फ़िल्मों में अंग्रेजी शायद इसलिये बढ़ रही है...आजकल की फ़िल्मों में अंग्रेजी शायद इसलिये बढ़ रही है कि उनका दर्शक मल्टीप्लेक्स वाला है जहां टिकट मंहगे होते हैं और लोग अंग्रेजी टूटी-फ़ूटी जानते ही हैं। एन आर आई लोगों तक भी पहुंचना फ़िल्मों का उद्धेश्य होता है। कोई इस पर शोध करे कभी शायद।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-39185302130534452682012-07-08T11:15:19.968+05:302012-07-08T11:15:19.968+05:30जनसाधारण जिस नकली 'पाइरेसी' कैसेट के दम पर...जनसाधारण जिस नकली 'पाइरेसी' कैसेट के दम पर फ़िल्म देखता है, उसमें से 'हिट' होने का कोई विकल्प नज़र नहीं आता। 'हिट'तो मात्र 20-25 प्रतिशत लोग अपनी पूँजी से करा लेते हैं, जिनका हिसाब-किताब फ़िल्म वितरक और सिनेमाघर के संचालक रखते हैं।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-31863695389611935842012-07-08T09:13:55.408+05:302012-07-08T09:13:55.408+05:30भाषा के प्रयोग के पीछे फिल्म को बेचने का उपक्रम भी...भाषा के प्रयोग के पीछे फिल्म को बेचने का उपक्रम भी है. पंजाबी शब्दों-वाक्यों का यहाँ-वहाँ प्रयोग करना इसी ओर इंगित करता है. विदेशों में पंजाबी का प्रयोग न केवल भारत के पंजाबियों, भारतवासियों बल्कि पाकिस्तानियों का भी मनोरंजन करने में सफल होता है. मुद्दा बढ़िया है लेकिन ऊपर राहुल जी की टिप्पणी में उठा सवाल अपने आप में जवाब भी है. लोगों के लिए मुख्य बात है मनोरंजन चाहे उसमें कुछ भी परोसा गया हो. इसे लेकर मैं कुढ़ सकता हूँ, चिढ़ सकता हूँ लेकिन सच तो मनोरंजन और टाइम पास है, डेढ़ सौ रुपए दे कर. मेरी-आपकी विचारधारा की पुस्तक तो 50 रुपए में मिल जाएगी.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-10954180616361650832012-07-08T08:10:56.247+05:302012-07-08T08:10:56.247+05:30''जनसाधारण की भाषा फ़िल्मों में नहीं है...''जनसाधारण की भाषा फ़िल्मों में नहीं है'' फिर फिल्में क्यों देखी जा रही हैं, चल रही हैं, ''हिट'' हो जाती हैं?Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com