tag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post3274852638705403955..comments2023-12-24T13:18:47.467+05:30Comments on भारत के भावी प्रधानमंत्री की जबानी: भगतसिंह नास्तिक और कम्युनिस्ट थे, थे और थे ( भगतसिंह पर विशेष )चंदन कुमार मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-74258762335714865792012-03-22T15:01:23.504+05:302012-03-22T15:01:23.504+05:30इस सारगर्भित और श्रमसाध्य लेख के लिए बधाई. जहाँ तक...इस सारगर्भित और श्रमसाध्य लेख के लिए बधाई. जहाँ तक नेहरू-सुभाष प्रसंग की बात है, हम अस्सी साल बाद उन बातों पर नीत-क्षीर विवेक कर सकते हैं, लेकिन भगत सिंह और उनके साथियों को व्यावहारिक कार्रवाइयों के दौरान जिनसे जीतनी और जिन बातों पर एकता हो सकती, उनके साथ मिल कर काम करना था. हमारे लिए यह भी एक कीमती सबक है.Digamberhttps://www.blogger.com/profile/13513290747757708417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-57220181668074169782011-10-07T08:06:59.119+05:302011-10-07T08:06:59.119+05:30bhut achi n durlv prayas.thanks.bhut achi n durlv prayas.thanks.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-65683170483265252472011-10-02T01:17:34.582+05:302011-10-02T01:17:34.582+05:30आवश्यक कार्य...आवश्यक कार्य...रवि कुमार, रावतभाटाhttp://ravikumarswarnkar.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-90346459535829528252011-10-01T13:33:10.363+05:302011-10-01T13:33:10.363+05:30ruchipurn va gyanverdhak lekh ke liye aabharruchipurn va gyanverdhak lekh ke liye aabharamrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-59523463793394472052011-09-30T21:21:39.983+05:302011-09-30T21:21:39.983+05:30हाँ। बोस नेहरु मैच…मैं स्वयं नेहरु को अधिक पसन्द न...हाँ। बोस नेहरु मैच…मैं स्वयं नेहरु को अधिक पसन्द नहीं करता, बोस की तुलना में लेकिन भगतसिंह के पूरे दस्तावेज में मात्र एक ही जगह तो ऐसा लगा है और कहीं नहीं। बोस भगतसिंह के लिए ही काम कर रहे होंगे, यह तो ऐसे ही समझा जा सकता है।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-3383938389727484092011-09-30T20:38:21.027+05:302011-09-30T20:38:21.027+05:30माजरा यह है कि भगत सिंह जी पर लिखते हुए 'बोस न...माजरा यह है कि भगत सिंह जी पर लिखते हुए 'बोस नेहरु मैच' शुरू कर दिया जाता है और भगत जी के हवाले से नेहरु को महान बताया जाता है जब कि बोस का खेमा भगत जी के साथ शहीद हो रहा था .Dr. Braj Kishorhttps://www.blogger.com/profile/06982842671013664280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-31850032175342403832011-09-30T20:24:29.472+05:302011-09-30T20:24:29.472+05:30हाँ, उस विद्यार्थियों के नाम पत्र को पढ़कर सुनानेवा...हाँ, उस विद्यार्थियों के नाम पत्र को पढ़कर सुनानेवाले बोस ही थे, ऐसा जिक्र है वहाँ।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-71098336948377258732011-09-30T20:20:57.403+05:302011-09-30T20:20:57.403+05:30आदरणीय डॉ ब्रजकिशोर जी,
विचार करने को बिलकुल तैया...आदरणीय डॉ ब्रजकिशोर जी,<br /><br />विचार करने को बिलकुल तैयार हैं। मुसोलिनी के बारे में तो मैंने कुछ कहा ही नहीं। भगतसिंह और बोस एक दूसरे को जानते तो थे ही। इन बातों के स्रोत में यह स्पष्ट लिखा है कि 19 अक्तूबर, 1929 को पंजाब छात्र संघ, लाहौर के दूसरे अधिवेशन में एक पत्र(विद्यार्थियों के नाम, जो भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त का लिखा है) पढ़कर सुनाया गया था। उस अधिवेशन के सभापति नेताजी बोस ही थे। <br /><br />यतीन की अन्त्येष्टि में भागीदारी का पता भी अभी चला और वह है भी। आप सही हैं। जिनकी बात आपने की है, वे भी स्वीकार करते हैं कि भगतसिंह ने कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य नहीं रहे हैं कभी। भूमिका ही इन सब बातों से हुई है। जेल तो 1929 में ही वे स्थाई रूप से जा चुके हैं। हम इस दुविधा में हैं कि आपकी सब बातें उनसे मिलती हैं, जिनका उद्धरण हम कर रहे हैं, फिर माजरा क्या है… <br /><br />व्यक्तिगत सम्बन्ध अपनी जगह हैं, उनसे इन बातों का कोई सम्बन्ध नहीं हैं। आपके विचारों का स्वागत है। धन्यवाद।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-28893487396642545452011-09-30T19:48:17.540+05:302011-09-30T19:48:17.540+05:30क्या आप विचार करने तैयार हैं ?
मेरी जानकारी में कम...क्या आप विचार करने तैयार हैं ?<br />मेरी जानकारी में कम्युनिस्ट लोग , विचारधारा और संगठन ढुलमुल नहीं होते.आप ने लिखा है की भगत सिंह ने मुसोलिनी की प्रशंसा की है जब कि मुसोलिनी ने कम्युनिस्ट आंदोलन का दमन किया था. दूसरी बात यह है कि यतीन दास जिनको आप ने याद किया है वे सुभाष बोस के कार्यकर्त्ता थे . बोस और भगत सिंह का सीधा लिंक है. २ फरवरी १९३१ तक भगत सिंह यह नहीं जानते थे ,ऐसा मानना उनकी अध्यनशीलता का अपमान है.दास कि अन्त्येष्टी में बोस की सीधी भागीदारी है...और भी कुछ है कहने को मेरे पास .यह सब नेहरूवादी इतिहासकारों का प्रपंच और प्रक्षिप्त लेखन है .जिन्नाह कांग्रेस छोड़ चुके थे लेकिन भगत सिंह के लेखन में उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बताया जाता है .क्या भगत सिंह अपने समय के घटना क्रम से इतने अनजान थे?<br />आप ने जिन्हें उद्धृत किया है वे भी भगत सिंह को १९३१ में कम्युनिस्ट मानते हैं.तब तक वे जेल जा चुके थे .वे कभी कम्युनिस्ट पार्टी के मेंबर नहीं बने.उनकी आत्मा पर वामपंथी रंग चढाने की कोशिश की जा रही है.<br />आशा है कि इसका असर हमारे व्यक्तिगत संबंधों पर नहीं पड़ेगाDr. Braj Kishorhttps://www.blogger.com/profile/06982842671013664280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-69255166978436997142011-09-30T18:52:10.458+05:302011-09-30T18:52:10.458+05:30क्या आप भगत सिंह पर राममनोहर लोहिया के विचार (यदि ...क्या आप भगत सिंह पर राममनोहर लोहिया के विचार (यदि हों ) तो ढूंढ सकते हैं -अनुग्रह होगा !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-43407183880440155712011-09-28T07:56:39.337+05:302011-09-28T07:56:39.337+05:30दुर्लभ साम्ग्री उपलब्ध कराई है आपने।दुर्लभ साम्ग्री उपलब्ध कराई है आपने।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-33279139759514285452011-09-28T06:46:19.143+05:302011-09-28T06:46:19.143+05:30निजी नोट बुक के पेज जैसा.निजी नोट बुक के पेज जैसा.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com