tag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post1658438541147661176..comments2023-12-24T13:18:47.467+05:30Comments on भारत के भावी प्रधानमंत्री की जबानी: आदरणीय कहकर भी हो सकता है अपमानचंदन कुमार मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-88304514883249536112011-07-17T15:12:21.462+05:302011-07-17T15:12:21.462+05:30@ आपने यह कहाँ देखा यह जानने की उत्सुकता है.
लम्...@ आपने यह कहाँ देखा यह जानने की उत्सुकता है. <br /><br />लम्बी-लम्बी बहसों में चन्दन जी<br />उलझते और उलझाते रहे हैं ||<br />आप भी तो वहा रहते ही हैं ||<br /><br />फिलहाल चिंता की बात नहीं है ||<br />आज वे दोनों काफी अच्छे मित्र हैं ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-65864612819083735042011-07-17T12:41:57.794+05:302011-07-17T12:41:57.794+05:30जिसके लिए 'आदरणीय' शब्द का इस्तेमाल करते ह...जिसके लिए 'आदरणीय' शब्द का इस्तेमाल करते हैं, उसे भी स्वयं ही पाता होता है कि वह इसके योग्य है अथवा नहीं.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-26848733233686701622011-07-17T09:53:10.070+05:302011-07-17T09:53:10.070+05:30जरुर,
चन्दन जी हमारा भी यही अनुभव है ||
जो मूर्ख ...जरुर, <br />चन्दन जी हमारा भी यही अनुभव है ||<br />जो मूर्ख कहकर नहीं किया जा सकता उससे भी अधिक |<br /><br />आज ही आचार्य परशुराम जी को पढ़ा |<br />लिंक कर रहा हूँ --<br /><br /><br />http://manojiofs.blogspot.com/2011/07/75.htmlरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-45719346762322607372011-07-17T09:34:45.783+05:302011-07-17T09:34:45.783+05:30ब्लॉगरों की एक बहुत बड़ी संख्या ब्लॉगिंग को टाइम प...ब्लॉगरों की एक बहुत बड़ी संख्या ब्लॉगिंग को टाइम पास और टाँग खिंचाई ही मानती है. ऐसी स्थिति में यदि कोई ऐसा करता है तो गंभीर प्रकृति के ब्लॉगरों को उससे संवाद नहीं करना चाहिए. परंतु आप उसे शत-प्रतिशत नहीं रोक सकते. आपने यह कहाँ देखा यह जानने की उत्सुकता है.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-88809507329692274042011-07-17T06:24:54.305+05:302011-07-17T06:24:54.305+05:30यदि संबोधित व्यक्ति को महसूस हो कि उसने अपने पूरे ...यदि संबोधित व्यक्ति को महसूस हो कि उसने अपने पूरे जीवन में कोई ऐसा कार्य किया ही नहीं कि जो किसी के हृदय में श्रद्धा या स्नेह या आदर का भाव पनपा सकता है .. तब उसे जरूर 'आदरणीय' संबोधन अखरेगा.<br />हाँ, यदि कपटी और धूर्त लोगों को अनजाने में कोई बड़ी आयु के कारण 'आदरणीय' कह बैठे .. तो भी ... उसे 'आदरणीय' संबोधन' अपना अपमान महसूस होगा. <br />यदि आपके विचारों को अतार्किक पाकर मैं उसका लगातार विरोध करता आऊँ और तो भी अपने संबोधनों में आपको 'आदरणीय' कहूँ तो जरूर आपको आपत्ति होगी या अपमान महसूस होगा. <br />— स्वर का एक विशेष प्रकार से प्रयोग भी 'आदरणीय' शब्द का भाव विपरीत कर देता है.. "... आजकल तो आप कांग्रेसियों के लिये बड़े आदरणीय बन गये हैं!... क्या बात है!!! " <br />— शिष्टाचारवश या आचरण की सभ्यतावश भी कई नादान कुपात्र को भी आदरणीय संबोधन दे बैठते हैं.... हाँ तब भी 'आदरणीय' सम्बोधन उपहासात्मक हो जाता है.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4603771006660912215.post-62098989563759173932011-07-17T05:57:50.614+05:302011-07-17T05:57:50.614+05:30आदरणीय शब्द का प्रयोग औपचारिक न हो तो यह लगभग निश...आदरणीय शब्द का प्रयोग औपचारिक न हो तो यह लगभग निश्चित होता है कि आगे आदर-सम्मान का फैंतरा होने वाला है, जिस तरह 'वास्तव में' या 'हकीकत यह है', कह कर बात का कोई बहकाने वाला पक्ष प्रस्तुत किया जाता है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com